रांची और आर्यावर्त

सौ साल पहले रांची से आर्यावर्त नामक पत्र प्रकाशित होता था। देश-विदेश की खबरें भी हुआ करती थीं। रांची की खबरें भी स्थान पाती थीं और विज्ञापन भी पहले पेज से लेकर अंत के पेज तक छपते थे। चंद्रकांता संतति उपन्यास का भी एक विज्ञापन देखने में आया। नीचे रांची से जुड़ी एक खबर है। आप पढ़े और उस समय की हिंदी कैसी थी, उसे देखें। अंक हमने अंग्रेजी में दिए हैं। यह खबर अप्रैल की है।

स्थानिक और प्रान्तिक समाचार
रांची : इस सप्ताह में कई दिन वृष्टि खूब हुई है। समयानुकूल गरमी नहीं पडऩे के कारण स्वास्थ्य शहर का अच्छा नहीं है। 1 ली मइ से कचहरी प्रात:काल में होगा, परन्तु ऐसी दशा रहने से अब ही सुबह कचहरी होने का एतना आवश्यकता नहीं है। जगह ब जगह धान के लिये खेत तेयार किया जाता है और कहीं 2 धान बुनना भी आरम्भ हो गया है। मि: किश्रवो साहेब आ गये, परन्तु अभी जिलाधीश के काम का चार्ज नहीं लिये हैं। स्थानिक कुल स्कूल सुबह होने लगे। गले का भाव साबित दस्तुर है। कई यहां के कचहरी के किरानी अपने असावधानी के लिये सजा पाये थे। जिलाधीश के अज्ञा से असंतुष्ट होकर कमीश्नर साहिब के पास अपील किये थे। कमीश्नर साहिब ने उनके अपील को सुना। मि: स्लकै कमीश्नर की दयालुता सराहनीय हे। जिला स्कूल अगामी ता 6 मई को बन्द होगा। नया हेडमास्टर साहेब पढ़ाने के अतिरिक्त लड़कों के चाल-चलन पर अधिक ध्यान देते हैं और लड़कों के खेलने का अच्छा बन्दोबस्त किये हैं, जिसमें लड़के सब इधर उधर नहीं खेला करें।